Mukhyamantri Vishwakarma Samman Yojana हरियाणा के कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए एक अभूतपूर्व उपहार है, जो उन्हें अपनी दक्षता वृद्धि एवं आर्थिक सहायता का अवसर प्रदान करती है. यह योजना राज्य में कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कारीगरों को अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में ₹5000 की टॉप-अप राशि देती है.
हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई Mukhyamantri Vishwakarma Samman Yojana का उद्देश्य प्रदेश के परंपरागत कारीगरों एवं शिल्पकारों को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त करना है. इस योजना के तहत वे कारीगर, जिन्होंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया है, उन्हें राज्य सरकार की ओर से ₹5,000 की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है. इससे कारीगरों को न केवल वित्तीय सहायता मिलती है, बल्कि उनके कार्य में उत्साह भी बढ़ता है.
योजना का उद्देश्य
- हरियाणा में पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके हुनर को सम्मान देना.
- कौशल प्रशिक्षण के बाद कारीगरों को अतिरिक्त प्रेरणा और सहायता प्रदान करना.
- शिल्प उद्योग को बढ़ावा देना और रोजगार के नए अवसरों का सृजन करना.
Overview
पहलू | विवरण |
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योजना का नाम | Mukhyamantri Vishwakarma Samman Yojana |
प्रोत्साहन राशि | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कारीगरों को ₹5,000 टॉप-अप प्रोत्साहन |
लागू करने वाला राज्य | हरियाणा |
योजना का उद्देश्य | कारीगरों और शिल्पकारों को प्रशिक्षण के बाद आर्थिक प्रोत्साहन देना तथा उनके कौशल का संवर्धन करना |
पात्रता | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कौशल प्रशिक्षण पूरा करने वाले कारीगर |
लाभ | प्रशिक्षण के साथ ₹5,000 अतिरिक्त प्रोत्साहन; कौशल विकास; टूल किट; लोन और बाज़ार सुविधा |
संबंधित कार्यक्रम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना |
योजना प्रारंभ तिथि | सितंबर 2025 (विश्वकर्मा जयंती और पीएम मोदी के जन्मदिन अवसर पर) |
अतिरिक्त समर्थन | कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना; व्यवसाय के लिए आसान लोन; ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग |
आधिकारिक वेबसाइट | pmvishwakarma.gov.in |
यह सार तालिका मुख्यमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना की मुख्य जानकारियों का संक्षिप्त अवलोकन प्रदान करती है.
इन शिल्पकारों को मिला पुरस्कार
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा फरीदाबाद के महेंद्र कुमार को टेराकोटा श्रेणी में 3 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह, कुरुक्षेत्र के दीपक को लकड़ी और बांस शिल्प में 3 लाख रुपये, रेवाड़ी के शिव कुमार को धातु कार्य में 3 लाख रुपये, तथा पानीपत के खेमराज को हथकरघा के क्षेत्र में 3 लाख रुपये की राशि देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, चित्रकला श्रेणी में रेवाड़ी के सुरेंद्र कुमार को 51 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार और फरीदाबाद के केदार को टेराकोटा श्रेणी में 51 हजार रुपये की राशि देकर सम्मान मिला.
हरियाणा सरकार द्वारा निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों के हितों के लिए अब तक 3866 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि भवन व औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के लिए पुनर्वास नीति लागू की गई है, ताकि सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से प्रभावित श्रमिकों की सहायता की जा सके। इस नीति के अंतर्गत अब तक लगभग 38 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। श्रेष्ठ श्रमिकों को मुख्यमंत्री श्रम पुरस्कार योजना के माध्यम से सम्मानित किया जाता है। श्रमिक परिवारों की बेटियों की शादी हेतु कन्यादान योजना के तहत प्रत्येक विवाह पर 1 लाख 1 हजार रुपये की राशि दी जाती है, जबकि पुत्र या स्वयं के विवाह पर 21 हजार रुपये का शगुन दिया जाता है। असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के कल्याण हेतु हरियाणा असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन किया गया है। बीते 11 वर्षों में हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने 3866 करोड़ रुपये और श्रम कल्याण बोर्ड ने 778 करोड़ रुपये श्रमिकों के कल्याण हेतु खर्च किए हैं.
योजना/व्यय का विवरण | विनियोग राशि | मुख्य विशेषताएं |
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निर्माण श्रमिकों हेतु व्यय (11 वर्षों में) | 3866 करोड़ रुपये | निर्माण श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक कल्याण के लिए खर्च |
पुनर्वास नीति के तहत सहायता | लगभग 38 करोड़ रुपये | सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी से प्रभावित श्रमिकों को सहायता |
मुख्यमंत्री श्रम पुरस्कार योजना | – | श्रेष्ठ श्रमिकों को विशेष पुरस्कार |
कन्यादान योजना (श्रमिक परिवारों को) | 1,01,000 रुपये प्रति शादी | श्रमिक परिवार की बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता |
बेटे/स्वयं की शादी पर शगुन | 21,000 रुपये | पुत्र या श्रमिक स्वयं की शादी में प्रोत्साहन राशि |
असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन | – | असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का संचालन |
श्रमिक कल्याण के लिए श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा व्यय | 778 करोड़ रुपये | श्रमिकों के कल्याण हेतु विभिन्न कार्यक्रमों में खर्च |
हर तथ्य और राशि संकलन श्रमिकों के व्यापक कल्याण तथा पुनर्वास के प्रयासों को दर्शाता है.
योजना के लाभ
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण लेने वाले कारीगरों को सीधे ₹5,000 प्रोत्साहन राशि.
- टूल किट, बाज़ार तक पहुंच, और कम ब्याज दर पर व्यवसायिक ऋण सुविधा.
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (जैम पोर्टल) के माध्यम से देश–विदेश में उत्पाद बेचने की सुविधा.
- उत्कृष्ट कारीगरों को राज्य स्तर पर प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार.
पात्रता
- हरियाणा राज्य के निवासी कारीगर/शिल्पकार.
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कौशल प्रशिक्षण पूरा करना आवश्यक.
- योजना में पंजीकृत होने की शर्तें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाएंगी.
आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में पंजीकरण एवं प्रशिक्षण पूरा करना होगा.
- प्रशिक्षण प्रमाणपत्र एवं आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ राज्य के संबंधित कार्यालय में आवेदन जमा करें.
- पात्रता सत्यापन के बाद ही टॉप-अप राशि का लाभ मिलेगा.
आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र (हरियाणा)
- प्रशिक्षण प्रमाणपत्र (प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना)
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
FAQs
Mukhyamantri Vishwakarma Samman Yojana किसके लिए है?
यह योजना हरियाणा के परंपरागत कारीगरों के लिए है, जिन्होंने कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
Mukhyamantri Vishwakarma Samman Yojana के तहत कितना प्रोत्साहन मिलेगा?
₹5,000 की एकमुश्त अतिरिक्त राशि दी जाएगी.
आवेदन कैसे किया जा सकता है?
राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवेदन करना होगा.
आवश्यक दस्तावेज़ क्या है?
आधार, निवास प्रमाणपत्र, प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, बैंक डिटेल्स आदि.
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?
यह केंद्र सरकार की स्किल ट्रेनिंग, टूल किट, ऋण व मार्केटिंग सहायता योजना है.
प्रशिक्षण कब और कहाँ होगा?
प्रशिक्षण राज्य/केंद्र द्वारा निर्दिष्ट संस्थानों में होगा.
टॉप-अप राशि कब प्राप्त होगी?
सफल आवेदन के बाद राशि बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर होगी.
पुरस्कार की जानकारी क्या है?
राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कारीगरों को प्रमाणपत्र व नकद पुरस्कार दिए जाते हैं.
सराहनीय कारीगर कौन थे?
महेंद्र कुमार (टेराकोटा), दीपक (लकड़ी-बांस शिल्प), शिव कुमार (धातु), खेलराज (हैंडलूम) आदि.
योजना की शुरूआत कब हुई?
योजना 17 सितम्बर 2025 को विश्वकर्मा जयंती व पीएम मोदी के जन्मदिन पर शुरू हुई.
निष्कर्ष
Mukhyamantri Vishwakarma Samman Yojana हरियाणा सरकार का अभिनव प्रयास है, जिससे पारंपरिक कारीगरों एवं शिल्पकारों का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा. यह योजना न केवल उनके हुनर को सम्मानित करती है, बल्कि उन्हें नई तकनीक, प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता व बाज़ार में प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम बनाती है. राज्य सरकार के इस कदम से हरियाणा कारीगर समाज को नई दिशा प्राप्त होगी और “विकसित भारत 2047” के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी.